रांची , झारखण्ड | जुलाई | 31, 2019 :: आज स्नातकोत्तर विभागों को शोधान्मुख होना आवश्यक है। वर्तमान समय में दर्शन के सिद्धांत सिर्फ वैदिक ग्रंथों और भाष्यों में सिमट कर न रहें बल्कि व्यावहारिक धरातल पर लाकर उनका मूल्यांकन हो। आज पूरे विश्व में एप्लाइड विषयों पर जोर दिया जा रहा है ऐसे में दर्शन के अनुप्रयोग पर भी शिक्षकों को कार्य करना चाहिए विशेष कर नैतिक दर्शन के क्षेत्र में जहाँ मानसिक और व्यावहारिक अनुशासन की नितांत आवश्यकता होती है। आज नए शोधों के लिए एप्लाइड फिलाॅसफी की जरूरत है। आज अपने सेवानिवृत्ति सम्मान समारोह के अवसर पर डाॅ॰ सुशील कुमार अंकन दर्शनशास्त्र विभाग में बोल रहे थे।
राँची विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग में डाॅ॰ सुशील कुमार अंकन के लिए एक भव्य सेवानिवृत्ति सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। विद्यार्थियों के बीच लोकप्रियता का पयार्य बने डाॅ॰ अंकन ने कहा कि शिक्षकों में सात गुण होने चाहिए – विद्वता, दक्षता, शील, संक्रांति, अनुशीलन, सचेतत्व और प्रसन्नता। इन गुणों के साथ सतत् प्रयत्नशील रहने वाला शिक्षक ही सफल होता है।
मौके पर बोलते हुए विभाग की डाॅ॰ सी॰ कामेश्वरी ने डाॅ॰ अंकन के सहयोगात्मक व्यवहार की सराहना की। डाॅ॰ उषा किरण ने डाॅ॰ अंकन के जीवनवृत्त और उपलब्धियों का प्रशस्तिवाचन किया। इस अवसर पर डाॅ॰ अंकन को पुष्पगुच्छ, उत्तरीय, अंगवस्त्रम् और उपहार देकर विभाग की डाॅ॰ राज राजेश्वरी वर्मा, डाॅ॰ अजय कुमार सिंह ने सम्मानित किया।
इस अवसर पर विद्यार्थियों ने एक संक्षिप्त सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया जिसमें सेम 3 की कृति कुमारी ने स्वागत नृत्य, सेम 1 की लीसा ने नृत्य, दीनदयाल दिनकर सिंह ने विदाई गीत गाकर माहौल को भावुक बना दिया।
इस भव्य सेवानिवृत्ति सम्मान समारोह के आयोजन मंडल में डाॅ॰ बिनिता कच्छप, डाॅ॰ सोनी सिंह, डाॅ॰ संजय दास, डाॅ॰ प्रीति कुमारी सहित शिवानी मिश्रा, गुड़िया कुमारी, शशि कुमारी, रौनक रफ़त, दिनदयाल दिनकर, कुमारी पूजा, प्रिया दूबे, दिव्यानी, पूनम कुमारी, अजीत उपाध्याय, मंजूषा पूर्ति, अशोक राम, अमन तिवारी, संदीप शिट, विश्वजीत, सुप्रिया बनर्जी, पूजा सिंह, कृत्ति कुमारी, डी॰एस॰पूजा, मनीषा कुमारी, कर्णवती कुमारी, निरूपा, लीसा, रीता ठाकुर एवं अन्य कई शोधार्थी एवं विद्यार्थी शामिल थे।
इस अवसर पर विभाग के अवकाशप्राप्त पूर्व शिक्षकों में डाॅ॰ राजकुमारी सिन्हा, डाॅ॰ मीरादेवी वर्मा, प्रो॰ सरस्वती मिश्रा, रणभूषण प्रसाद सहित हिन्दी विभाग के जंगबहादुर पांडे, सिंडिकेट के अटल पांडे, तनुज खत्री, राज उराँव एवं राँची काॅलेज दर्शन शास्त्र विभाग के कई छात्र मौजुद थे।
कार्यक्रम का संचालन डाॅ॰ अजय कुमार सिंह एवं डाॅ॰ सोनी सिंह ने संचालन सहयोग के साथ ही धन्यवाद ज्ञापन किया।