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आप भला तो जग भला : गुड़िया

रांची, झारखण्ड | अगस्त | 28, 2020 :: अक्सर ऐसा होता है कि हम अपने जीवन में होने वाले उतार चढ़ाव के लिये दूसरों को दोषी मानते हैं। या कई बार ऐसा भी होता है कि लोगों द्वारा की गयी प्रतिक्रियाओं से हम परेशान हो जाते हैं। इन सबसे हमारा मन विचलित हो जाता है, जिसके कारण हमारा रवैया भी आक्रमक हो जाता है।
इन सबके अनुकूल यदि हम ये सोचें कि अपने आप सही रास्ते पर चल कर जीवन को एक गति देंगे, तो हमारे आसपास का माहौल चाहे कितना भी दोषपूर्ण क्यों न हो, हमें इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। बल्कि हमारे सही कर्म देख कर दूसरों को भी इससे प्रेरणा मिलेगी। इस प्रकार से हमारे आसपास के लोगों में भी ये एक मैसेज जायेगा कि अगर हमारे इरादे नेक हों, तो प्रतिकूल परिस्थितियों का भी हमारे ऊपर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
इसके लिए स्वयं के प्रति थोड़ा सचेत रहने की आवश्यकता है।

1, खुद को सक्रिय रखें।
किसी न किसी प्रेरणादायक कार्य में खुद को व्यस्त रखें। चाहे वो घर का काम हो। जैसे साफ सफाई, नई तरह की डिश बनाना, पेंटिंग करना। अपनी पसंद अनुसार अच्छी किताबें पढ़ना, संगीत सुनना आदि। बच्चों से भी हम कंप्यूटर से सम्बंधित कुछ नया सिख सकते हैं। ये सब ऐसे कार्य हैं, जिनसे हमें कुछ न कुछ नया सीखने को मिलता है। काम के बीच में थोड़ा ब्रेक भी लें। इससे शरीर और दिमाग दोनों को ही फिर से रिचार्ज होने का समय मिलता है।
जब किसी के द्वारा कही गयी कोई बात पसंद ना आये तो भी गुस्से में किसी भी तरह की कोई प्रतिक्रिया देने से बचें और अपने काम पर ध्यान दें। इससे हमारे दिमाग पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा और हमारा मन भी शांत रहेगा। जीवन में बहुत सी बातें ऐसी होती हैं, जो हमारे मन के अनुकूल नहीं होती हैं। उन बातों या परिस्थितियों को अपनाकर ही हम अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ बना सकते हैं।

2, अध्यात्म की ओर झुकाव।
कई बार हमारे जीवन में ऐसे क्षण भी आते हैं, जब हमें किसी भी तरह का कोई निर्णय लेने में परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। ऐसी परिस्थितियों में अध्यात्म हमें बहुत ही मानसिक संबल प्रदान करता है। जब भी समय मिले बीस या तीस मिनट मेडिटेशन जरूर करें। इससे मन में अच्छे विचारों का आगमन होता है और हमें शांति का अनुभव होता है।
हम चाहे कितने भी आधुनिक युग में क्यों न हों, अध्यात्म वो माध्यम है जो हमें यह सिखाता है कि हमनें अभी तक चाहे जितनी भी सफलतायें क्यों न पायी हों, इसके लिए हमारे जीवन में अध्यात्म का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। ये बात भी सच है कि हमारे द्वारा किये गये सही कर्म भी ईश्वर तक हमारी आवाज को पहुंचाते हैं। जीवन में अध्यात्म और सही कर्मों का सीधा कनेक्शन ही हमारे लिए सफलता के रास्ते खोलता है।

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