रांची , झारखण्ड | जनवरी | 16, 2020 :: श्री सद्गुरु के आशीर्वाद से उनके संदेश को जन जन पहुंचाने के क्रम मे रांची पहुंचे सद्गुरु के शिष्य कुशेन्द्र जिनको ‘कुश’ के नाम से जाना जाता है ने यहाँ मीडिया को संभोदित करते हुये श्री सद्गुरु के संदेश का महत्व बतलाया।
कुश को मीडिया के समक्ष परिचय कराते हुये भारतीय जनता पार्टी प्रदेश किसान मोर्चा अध्यक्ष ज्योतिरेस्वर सिंह ने कहा की वह स्वयं सद्गुरु के फालोवर हैं और जब भी जहां भी अवसर मिलता है सदुरु के प्रवचन सुनने का प्रयत्न करते हैं। इसी एक कार्यक्रम में उनकी मुलाक़ात कुश से हुई और इनसे बहुत प्रभावित हुये। चूंकि सद्गुरु का अति व्यस्त कार्यक्रम होता है उन्होने उनके संदेश को झारखंड के लोगों तक पहुँचने के लिए कुश को रांची आने का आग्रह किया जिसे कुश ने सहर्ष स्वीकार किया।
क्लासिकल हठ योगा ही क्यूँ का वर्णन करते कुश ने बतलाया की आज के इस अत्यंत व्यस्ततम जीवन में लोग ज़िंदगी जीना भूल गए हैं। अब सिर्फ काम पैसा परिवार ही उनका लक्षय बन कर रह गया है। जीने की खुशी का महत्व कम होता जा रहा। इसलिए योगा के कुछ आसान क्रम से इंसान अपने खुद पर नियंत्रण भी रख पाता है और जीवन में एक संतुलन कायम करने मे सक्षम होता है। कुश ने कहा पाँच मिनट या आधा घंटा या एक घंटे का भी योगा करना है तो वो पूरी तरह सहायक बन सकते हैं। यह इंसान के इच्छा शक्ति पर पूरी तरह निर्भर है।
अपना संक्षिप्त परिचय देते हुये कुश ने बतलाया की दो वर्ष ईशा योगा केंद्र में क्लासिकल हठ योगा की ट्रेनिंग प्राप्त की और नित्य 8-10 घंटे साधना में विलीन रहते थे। वहाँ उन्हे क्लासिकल हठ योगा का सबसे शुद्ध विधि लोगों तक पहुंचाना सिखलाया गया।
कुश ने बतलाया की वह योगी ज़रूर हैं मगर आम आदमी की तरह वस्त्र पहनते और दिनचर्या पालन करते। मगर अपने योग शक्ति के कारण अपने ऊपर पूरी तरह संतुलन बनाए रखते हैं जिससे मेरे स्वास्थ, ऊर्झा और इमोशन पर मेरा सम्पूर्ण कंट्रोल रहता है। यह सबके लिए संभव है। ज़रूरत है तो बस मनोबल व इच्छा शक्ति की है।