Breaking News Latest News झारखण्ड बिज़नेस राजनीति

राज्य में 600 से अधिक बंद पडे उद्योगों को पुर्नजीवित करने के लिए स्वतः संज्ञान लेकर सरकार सूचि बना रही है : हेमंत सोरेन

राांची, झारखण्ड | फरवरी   | 23, 2021 :: स्टेकहोल्डर्स की समस्याओं पर चर्चा हेतु आज फेडरेशन ऑफ झारखण्ड चैंबर ऑफ काॅमर्स एण्ड इन्डस्ट्रीज की बैठक माननीय मुख्यमंत्री के साथ प्रोजेक्ट भवन में संपन्न हुई।
सीएम के साथ चैंबर की संपन्न बैठक काफी साकारात्मक रही तथा उन्होंने एक-एक बिंदु पर क्रमवार चैंबर अध्यक्ष को संतुष्ट किया।
माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन ने यह भी कहा कि राज्य में 600 से अधिक बंद पडे उद्योगों को पुर्नजीवित करने के लिए स्वतः संज्ञान लेकर सरकार सूचि बना रही है तथा उनके रिवाईवल के लिए सरकार हरसंभव सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है।
राज्य में पर्यटन विकास के मुद्दों पर भी उन्होंने वार्ता की और कहा कि राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर होटल निर्माण सहित अन्य प्रोजेक्ट लगाने में सरकार उद्यमियों के साथ फ्लेक्सिबल है।
टूरिज्म नीति के तहत ऐसे उद्यमियों को हरसंभव सहयोग किया जायेगा। उन्होंने प्रदेश में राइस मिलों को भी और बढाने पर जोर दिया।

चैंबर अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबडा ने मुख्यमंत्री से कहा कि कोविड-19 के कारण महामारी, मंदी और महंगाई को लेकर चिंताएं अभी भी हैं किंतु यदि सरकार और स्टेकहोल्डर्स आपसी समन्वय से विकास कार्यों को गति दें तब राज्य की आर्थिकी निष्चित ही बढोत्तरी की राह पर अग्रसर होगी।
मुलाकात के क्रम में चैंबर द्वारा कई विभागों उद्योग, विद्युत, परिवहन, स्टार्टअप्स, नगर निगम, लाॅ एण्ड आर्डर, ट्राॅफिक एवं भूमि सुधार से संबंधित समस्याओं को मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत कर वार्ता की गई। चैंबर द्वारा वर्तमान में कार्यषील सभी औद्योगिक क्षेत्रों की आधारभूत संरचना को विकसित करने तथा एमएसएमई मैनुफैक्चरिंग सेक्टर व स्टार्टअप्स के लिए सभी जिलों में 25 एकड अतिरिक्त लैंड बैंक विकसित करने का सुझाव दिया गया। यह भी कहा गया कि झारखण्ड औद्योगिक नीति एवं क्रय नीति का अनुपालन सरकारी विभागों द्वारा निर्गत निविदाओं में नहीं होने से उद्यमियों को कठिनाई हो रही है। यह सुझाया गया कि उद्योग विभाग द्वारा कुछ प्रमुख विभागों से उनके द्वारा आगामी एक वर्ष तक की जरूरतों (वस्तुएं जो झारखण्ड में निर्मित होती हैं) की जानकारी लेकर एक सूचि का निर्माण कराया जाय तथा उस सूचि को व्यवसायिक व औद्योगिक संगठनों के साथ साझा किया जाय ताकि इस क्षेत्र में कार्यरत उद्यमी सरकार की नीतियों से लाभान्वित हो सकें।

चैंबर द्वारा यह भी कहा गया कि पाॅलिसी का निर्माण केवल पांच वर्ष के लिए करने पर कठिनाई होती है, ऐसे में पाॅलिसी का निर्माण लांगटर्म के लिए किया जाय। यह भी कहा गया कि केंद्र सरकार द्वारा आम बजट में प्रस्तुत 7 मेगा इन्वेंस्टमेंट टेक्सटाइल पार्कों की योजना के तहत संताल परगना में एक टेक्सटाइल पार्क की स्थापना का प्रयास करना चाहिए। प्रतिनिधिमण्डल ने राज्य में माइनिंग पाॅलिसी व आंध्र प्रदेश, राजस्थान की तर्ज पर माइका खनन पाॅलिसी का निर्माण करने का भी सुझाव दिया। चैंबर अध्यक्ष ने फैक्ट्री लाइसेंस के नवीकरण में हो रही कठिनाईयों पर भी चर्चा की और कहा कि लाइसेंस रद्द होने के कारणों की समीक्षा जरूरी है। साथ ही उन्होंने गेतलसूद में बंद पडे मेगा फूड पार्क के रिवाईवल की योजना बनाकर प्रोजेक्ट का कार्यभार अन्य प्राइवेट प्लेयर्स को सौंपने की बात कही। क्योंकि प्रोजेक्ट बंद होने के कारण इस प्रोजेक्ट में निवेश करनेवाले निवेशक हतोत्साहित हैं।

चैंबर के पूर्व अध्यक्ष विनय अग्रवाल ने स्टार्टअप्स की समस्याओं पर भी वार्ता की और कहा कि राज्य सरकार द्वारा अधिकृत झारखण्ड इनोवेशन लैब के कार्यरत नहीं रहने के कारण प्रदेश के कुल 107 स्टार्टअप्स फंडिंग के अभाव में अपने कार्यों को गति नहीं दे पा रहे हैं। उन्होंने सुझाया कि राज्य में स्टार्टअप्स के लिए अलग से विभाग का गठन किया जाय जो समस्त गतिविधियों की निगरानी रख सके।

भूमि सुधार से संबंधित मुद्दों पर भी वार्ता की गई जिनमें मुख्यतः देवघर में पिछले 9 वर्षों से भूमि सत्यापन प्रमाण पत्र के अनावष्यक कानून की अनिवार्यता को समाप्त करने, गिरिडीह में प्रतिबंधित सूचि को समाप्त करने, खासमहल में आ रही व्यवहारिक समस्याओं को दूर करने, म्युटेशन के लिए लागू ऑनलाइन प्रक्रिया में तकनीकी त्रुटियों का समाधान करने का सुझाव दिया गया। चैंबर अध्यक्ष ने पुनः अपनी लंबित मांग राज्य में विद्युत संचरण/वितरण की जिम्मेवारी प्रोफेशनल्स को देने की मांग दुहराई और कहा कि राज्य में निर्बाध विद्युत आपूर्ति की उपलब्धता एक जटिल समस्या बनी हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि देवघर के देवीपुर, जसीडिह एवं एसपियाडा अंतर्गत संथाल पगरना के अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में सैकडों उद्यमियों को प्लाॅट आवंटित किया गया है किंतु अभी तक उस आवंटित भूमि का पोजेशन नहीं दिलाया जा सका है।

माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन ने झारखण्ड चैंबर द्वारा प्रस्तुत समस्याओं पर साकारात्मक रूख दिखाते हुए समस्त समस्याओं के त्वरित निष्पादन हेतु आष्वस्त किया। बैठक के दौरान चैंबर ने झारखण्ड बजट हेतु वित्तमंत्री को सौंपे गये ज्ञापन की प्रति भी उपलब्ध कराई और आगामी बजट में स्थानीय स्टेकहोल्डर्स से जुडे बिंदुओं को प्राथमिकता देने का आग्रह किया जिसपर माननीय मुख्यमंत्री ने सहमति जताई।

प्रतिनिधिमण्डल में चैंबर अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबडा, उपाध्यक्ष किशोर मंत्री, महासचिव राहुल मारू, कोषाध्यक्ष परेश गट्टानी एवं पूर्व अध्यक्ष विनय अग्रवाल, सदस्य अविराज अग्रवाल सम्मिलित थे।

Leave a Reply