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भारत  की  स्वतंत्राता  के  75वें  वर्ष  में  अमृत महोत्सव  के  अवसर  पर 75  करोड़  सूर्य  नमस्कार  का  बनेगा  विश्वकीर्तिमान

दिसम्बर  | 04, 2021 :: भारत  की  स्वतंत्राता  के  75वें  वर्ष  में  अमृत महोत्सव  के  अवसर  पर 75  करोड़  सूर्य  नमस्कार  का  बनेगा  विश्वकीर्तिमान भारत  की  स्वतंत्राता  के  75वें  वर्ष  में  अमृतमहोत्सव  के  अवसर  पर  75  करोड़  सूर्य नमस्कार  करने  का  एक  विश्वकीर्तिमान  का  शुभारम्भ  योग ऋषि  स्वामी  रामदेव  जी,  श्री  शिवराज सिंह  चौहान  जी  मुख्यमंत्रा,  मध्य  प्रदेश  एवं  आचार्य  बालकृष्ण  जी  ने  संयुक्त  रूप  से  पतंजलि योगपीठ,  हरिद्वार  में  पतंजलि  विश्वविद्यालय  के  हजारों  छात्रा-छात्राओं  के  बीच  में  उत्साहपूर्ण वातावरण  में  किया।
माननीय  मुख्यमन्त्री श्री  शिवराज  चौहान  जी  ने  स्वामी  रामदेव  जी  एवं  आचार्य  बालकृष्ण  जी  के साथ  क्रियात्मक  रूप  से  सूर्य  नमस्कार  करके  इस  अभियान  के  पंजीकरण  का  कार्य  आरम्भ किया।
उन्होंने  कहा  कि  योगविद्या  हमारी  पावनध्रा  से  ही  विश्व  कल्याण  के  लिए  प्रसारित  हुई है।
उन्होंने  कहा  कि  मध्य  प्रदेश  प्रान्त  में  पहले  से  ही  सूर्य  नमस्कार  को  एक  संपूर्ण  योगिक व्यायाम  के  रूप  में  विराट  स्तर  पर  किया  जाता  है।
उन्होंने  इस  कार्यक्रम  में  मध्य  प्रदेश  शासन की  सहभागिता  की  घोषणा  की।
उन्होंने  कहा  कि  ये  अपने  आप  में  एक  ऐतिहासिक  कीर्तिमान होगा,  जिससे  राष्ट्र  का  गौरव  सम्पूर्ण  विश्व  में  बढ़ेगा।  इस  अवसर  में  योग  को  शिक्षा  के  अंग के  रूप  में  जोड़ने  का,  योगासन  को  खेल  के  रूप  में  समायोजित  करने  की  तथा  योग  आयोग, गठित  करने  की  प्रतिब(ता  अभिव्यक्त  की।
उल्लेखनीय  है  कि  गीता  परिवार  से  लेकर  क्रीड़ा  भारती,  पतंजलि  योगपीठ  परिवार,  हार्टपफुलनेस संस्थान  एवं  नेशनल  योगासन  स्पोर्ट्स  पफेडरेशन  ;छल्ैथ्द्ध  इन  5  संस्थाओं  के  संयुक्त  प्रयासों  से अमृत  महोत्सव  को  ऐतिहासिक  यादगार  एवं  स्वर्णिम  बनाने  के  लिए  75  करोड़  सूर्यनमस्कार  का एक  विराट  संकल्प  लिया  गया  है।
जिस  कार्य  में  आयुष  मन्त्रालय,  खेल  मन्त्रालय  भी  आगे आकर  सहयोग  देने  के  लिए  तैयार  हुआ  है।
शिक्षा  मन्त्रालय,  संस्कृति  मन्त्रालय  एवं  रक्षा मन्त्रालय  को  भी  इस  कार्य  में  जोड़ने  के  प्रयास  जारी  हैं।
स्वामी  रामदेव  जी  ने  कहा  कि  जैसे  माननीय  शिवराज  जी  कह  रहे  थे  कि  ‘‘वसुध्ैव कुटुम्बकम्’’,  सारा  विश्व  ही  एक  परिवार  है  इस  एकात्मवाद  के  भाव  के  साथ  कार्य  करते  हुए हम  विश्व  की  समस्त  वैश्विक  समस्याओं  का  निदान  कर  सकते  हैं।
स्वामी  जी  ने  कहा  कि सब  संस्थायें  इस  राष्ट्र  वंदना  के  ऐतिहासिक  कार्यक्रम  में  सहभागी  बनें,  अभी  प्रथम  दृष्टया राष्ट्रीय  एवं  अन्तर्राष्ट्रीय  स्तर  पर  कार्य  कर  रहे,  5  संस्थान  आगे  आये  हैं,  एकात्म  होकर  इस संकल्प  को  पूरा  करने  का  कार्य  आरम्भ  कर  रहे  हैं  जिसमें-         गीता  परिवार  से  लेकर, विद्या  भारती  से  लेकर  के,  क्रीड़ा  भारती  से  लेकर  के  पूरा  पतंजलि  परिवार,  हार्टपफुलनेस  एवं नेशनल  योगासन  स्पोर्ट्स  पफेडरेशन  ;छल्ैथ्द्ध  विशेष  कार्य  योजना  बनाकर  कार्य  कर  रहे  हैं।

उल्लेखनीय  है  कि  परम  पूज्य  स्वामी  गोविन्ददेव  गिरी  जी,  डॉú  संजय  मालपानी, ;गीता  परिवारद्ध  और  हार्टपुफलनेस  संस्थान  के  कमलेश  दाजी,  एकता  जी,  नेशनल  योगासन स्पोर्ट्स  पफेडरेशन  ;छल्ैथ्द्ध-  श्री  उदित  सेठ,  वर्ल्ड  योगासन-  परम  पूज्य  स्वामी  रामदेव  जी  व डॉú  नागेन्द्र  जी  तथा  क्रीड़ा  भारती  संगठन-  श्री  भैÕया  जोशी  जी  के  नेतृत्व  में  श्री  राज  चौध्री जी,  श्री  मिलिन्द  जी  तथा  श्री  चैतन्य  कश्यप  जी,  पतंजलि  योगपीठ  परिवार-  आचार्य  बालकृष्ण जी  के  निर्देशन  में  डॉú  साध्वी  देवप्रिया  जी,  डॉú  जयदीप  आर्य  जी  एवं  श्री  राकेश  कुमार  जी ये  सब  एक  साथ  एकात्म  होकर  अपने  हजारों  कार्यकर्त्ताओं  के  साथ  राष्ट्रचेतना  व  राष्ट्रगौरव  के इस  बहुआयामी  प्रकल्प  को  ऐतिहासिक  बनाने  के  लिए  निरन्तर  प्रयासरत  हैं। पूज्य  स्वामी  रामदेव  जी  ने  कहा  कि  वैश्विक  चुनौतियों  का  समाधन  तो  केवल  योग  और अध्यात्म  के  मार्ग  से  और  एकात्मता  के  मार्ग  से  ही  निकलेगा  और  यह  जो  महामारियाँ  हैं,  रोग हैं, नशा  हैं  और  जो  दुख  दर्द,  अहिंसा,  झूठ,  बेईमानी,  कदाचार  है,  व्यभिचार  है,  असुचिता, असंतोष  है,  विलासिता  है  इस  संसार  के  अंदर  उनका  समाधन  अष्टांग  योग    के  मार्ग  से निकलेगा।   श्र(ेय  आचार्य  जी  ने  कहा  कि  योग  भारतीय  संस्कृति  का  मूल  तत्व  है  और  सूर्य नमस्कार  के  माध्यम  से  मातृभूमि  का  वन्दन,  स्वतन्त्राता  की  75वीं  वर्षगाँठ  पर  75  करोड़  सूर्य नमस्कार  की  आवृत्तियों  के  माध्यम  से,  राष्ट्र  में  युवाशक्ति  को  योग  एवं  राष्ट्रप्रेम  से  जोड़ेगा। उल्लेखनीय  है  कि  देशभर  से  नेशनल  योगासन  खेल  पफेडरेशन  के  हजारों  खिलाड़ी,  कोच  एवं अभिभावकगण  भी  वेबीनार  के  माध्यम  से  इस  राष्ट्रीय  कार्यक्रम  के  साक्षी  बनें।   प्रतिभागी  इस  विराष्ट  संकल्प  से  जुड़ने  के  लिए  अपने  आपको  डिजिटल  प्लेटपफार्म  पर ूूण्75ेनतलंदंउेंंतण्बवउ पर  पंजीकृत  करवायें  तथा  स्वामी  विवेकानन्द जयन्ती-राष्ट्रीय  युवा  दिवस  12  जनवरी  से  रथ  सप्तमी  07  पफरवरी  के  मध्य  प्रत्येक  प्रतिभागी को  21  दिन  तक  13  सूर्यनमस्कार  करने  होंगे।  पंजीकरण  व्यक्तिगत  एवं  संस्थागत  दोनों  प्रकार से  हो  सकते  हैं।  इसप्रकार  विश्व  रिकॉर्ड  बनाने  की  योजना  है  जिसमें  30  हजार  शैक्षणिक संस्थान  एवं  न्यूनतम  30  लाख  योगसाध्कों  एवं  विद्यार्थियों  की  भागेदारी  होगी  तथा  प्रत्येक प्रतिभागी  को  पूज्य  स्वामी  रामदेव  जी  सहित  वरिष्ठजनों  के  हस्ताक्षर  से  युक्त  प्रमाण-पत्रा  भी प्रदान  किया  जायेगा।

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