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स्ट्रोक में योग सबसे ज्यादा प्रभावकारी :: डॉ. संजय कुमार मुंडा (सी. आई. पी. काँके)

राँची, झारखण्ड | अक्टूबर | 29, 2018 :: विश्व स्ट्रोक दिवस के अवसर पर योग विभाग में सीआरपी रांची के डॉक्टर संजय कुमार मुंडा, सहायक अध्यापक एवं वैज्ञानिक ने रिसोर्स पर्सन के रूप में बताया कि स्ट्रोक ब्रेन से जुड़ा विषय है जो दो कारणों से प्रभाव में आता है। एक रक्त का थक्का जमने से तथा दूसरा रक्त नाड़ीया के फटने से इस कारण ब्रेन का एक हिस्सा प्रभावित होता है जिससे स्ट्रोक लगता है एवं संबंधित अंग प्रभावित होते हैं । यह एक मेडिकल इमरजेंसी होती है जिसमें जान भी जा सकती है । स्ट्रोक की समस्या उम्र के साथ बढ़ती है साथ ही उच्च रक्तचाप डायबिटीज मोटापा आलस्य नशा पान इसको 3 से 5 गुना बढ़ा सकता है।
रिसर्च बताता है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में स्ट्रोक ज्यादा जानलेवा होता है स्ट्रोक लगने पर चेहरे में होठों पर सीधा असर देखा जा सकता है । इससे हाथ पैर भी प्रभावित होते हैं।
उन्होने कहा की रिसर्च द्वारा देखा गया है कि योग द्वारा स्ट्रोक की समस्या 4 से 5 गुना तक घट सकती है । योग के अंग प्राणायम, मुद्राएँ, शिथिलीकरण, एवं ध्यान का प्रभाव देखा जा सकता है ।
रिसोर्स पर्सन का स्वागत योग विभाग के कोऑर्डिनेटर डॉक्टर आनंद ठाकुर ने किया और कहा कि चिकित्सा विज्ञान मेडिसिन एवं साइंस टेक्नोलॉजी के द्वारा योग का शरीर पर प्रभाव का प्रभावी आकलन किया जा सकता है। योगसूत्र को पुन: प्रमाणित करने के लिए सतत शोध की आवश्यकता है जो कि योग विभाग रांची विश्वविद्यालय का एक मुख्य लक्ष्य है।
कार्यक्रम में स्वामी मुक्त रथ, विकास, अमित, चंदन, जगदीश सिंह, धर्मेंद्र का सहयोग सराहनीय रहा।
इस अवसर पर योग विभाग के स्टूडेंट उपस्थित थे.

रांची विश्वविद्यालय के योग विभाग से जगदीश सिंह की रिपोर्ट

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