रांची, झारखण्ड । अप्रैल | 14, 2018 :: गुरुद्वारा श्री गुरु नानक सत्संग सभा,कृष्णा नगर कॉलोनी में आज शनिवार दिनाँक 14 अप्रैल को वैसाखी के उपलक्ष्य में सुबह विशेष दीवान सजाया गया.
खालसा साजना दिवस(वैसाखी पर्व) के उपलक्ष्य में यह विशेष दीवान सुबह 8 बजे से 10.30 बजे तक सजाया गया. दीवान की शुरुआत सुबह 8 बजे भाई भरपूर सिंह जी एवं साथियों द्वारा आसा जी दी वार कीर्तन से हुई.
9 बजे से 9.15 तक मुख्य ग्रंथी ज्ञानी जेवेन्दर सिंह जी ने कथावाचन कर वैसाखी पर्व के महत्त्व को विस्तार से समझाया.तत्पश्चात विशेष रूप से पधारे कथावाचक भाई सरबजीत सिंह जी लुधियाना वाले ने कथा कर साध संगत को बताया कि सन 1699 में आज ही के दिन दशम पातशाह गुरु गोबिंद सिंह जी ने आनंदपुर साहिब जी में सिखों को खालसा के रूप में संगठित किया था और खालसा पंथ की स्थापना की थी. गुरु गोविंद सिंह जी ने इस मौके पर शीशों की मांग की जिसे दया सिंह,धर्म सिंह, मोहकम सिंह, साहिब सिंह व हिम्मत सिंह’ ने अपने शीशों को भेंट कर पूरा किया। इन पांचों को गुरु के ‘पंच-प्यारे’ कहा जाता है, जिन्हें गुरु गोविन्द सिंह जी ने अमृत पान कराया तथा स्वयं इनसे अमृत पान किया और खुद गुरु एवं चेला बने.यह प्रसंग गुरु ग्रंथ साहिब जी की वाणी में इस प्रकार उद्धरित है:
पीवो पाहुल खंडेधार होवे जन्म सोहेला
वाहो-वाहो गोबिंद सिंह आपे गुरु चेला
खालसा मेरो रूप है खास
खालसे मैं हों करों निवास।।
आनंद साहिब जी के पाठ, अरदास, हुक्मनामा एवं प्रसाद वितरण के साथ सुबह 10.30 बजे दिवान की समाप्ति हुई.
सभा के सचिव रामकृष्ण मिढ़ा ने साध संगत को वैसाखी की बधाई दी. कल सुबह 6.30 बजे श्री निशान साहिब जी के चोला बदलने की सेवा होगी.यह जानकारी मीडिया प्रभारी नरेश पपनेजा ने दी.