रांची, झारखण्ड | दिसंबर | 12, 2018 :: गुरुद्वारा श्री गुरु नानक सत्संग सभा में आज 12 दिसंबर, बुधवार को सिख पंथ के नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर जी का शहीदी दिवस मनाया गया.
इस अवसर पर सत्संग सभा द्वारा कृष्णा नगर कॉलोनी स्थित गुरुद्वारा साहिब में सुबह 8:00 बजे से विशेष दीवान सजाया गया.दीवान की शुरुआत स्त्री सत्संग सभा की शीतल मुंजाल एवं इंदु पपनेजा द्वारा ” गुरु तेग बहादुर सिमरियै घर नव निधि आवे धाई सब थाई होए सहाई………” शबद गायन से हुई.
गुरु घर के सेवक मनीष मिढ़ा ने श्री गुरु तेग बहादुर जी की शहादत के बारे में कथा वाचन कर साथ संगत को बताया कि उनका बचपन का नाम त्यागमल था, मात्र 14 वर्ष की आयु में अपने पिता के साथ मुग़लों के हमले के ख़िलाफ़ हुए युद्ध में उन्होंने वीरता का परिचय दिया.उनकी वीरता से प्रभावित होकर उनके पिता ने उनका नाम त्यागमल से तेग़ बहादुर (तलवार के धनी) रख दिया. मुगल शासक औरंगजेब ने गुरु तेग बहादुर जी को हिंदुओं की मदद करने और इस्लाम नहीं अपनाने के कारण उन्हें मौत की सजा सुना दी.इस्लाम अपनाने से इनकार करने की वजह से औरंगजेब के शासनकाल में उनका सर कलम कर दिया गया.गुरु जी के त्याग और बलिदान के कारण उन्हें हिन्द दी चादर कहा जाता है. जहां गुरु तेग बहादुर जी ने शहादत दी उसी स्थल पर दिल्ली में उनकी याद में गुरुद्वारा बनाया गया है. वहां पर बने गुरुद्वारे का नाम शीश गंज साहिब है, जो उनके धर्म की रक्षा के लिए किए गए कार्यों को हमें याद दिलाता रहता है.
मनीष मिढ़ा ने अरदास की एवं ग्रंथी सूरज सिंह ने हुकमनामा पढ़ा.कढ़ाह प्रसाद वितरण के साथ दीवान की समाप्ति सुबह 10:00 बजे हुई.
आज के दीवान में जयराम दास मिढ़ा, सुंदरदास मिढ़ा, द्वारकादास मुंजाल अर्जुन दास मिढ़ा, महेश सुखीजा, जीवन मिढ़ा, मोहन कठपाल, सुरेश मिढ़ा, विनोद सुखीजा, हरीश मिढ़ा, हरगोविंद सिंह, नानक चंद अरोड़ा, अनूप गिरधर, बीआर मग्गो, राजेन्द्र मक्कड़, गुलशन मिढ़ा, आशु मिढ़ा, मनीष गिरधर, रमेश पपनेजा, इंदर मिढ़ा, नवीन मिढ़ा, बीबी प्रीतम कौर, बबली दुआ, गीता कटारिया, नीता मिढ़ा, रेशु गिरधर, मनौरी काठपाल, इंदु पपनेजा, मीना गिरधर, शांति सरदाना, नीतू किंगर, ममता थरेजा समेत अन्य उपस्थित थे.