नगड़ी, रांची, झारखण्ड । अक्टूबर | 20, 2017 :: संस्कार भारती रांची महानगर इकाई के तत्वावधान में झारखंड की जीवन रेखा स्वर्णरेखा नदी के उद्गम स्थल से जल संचयन का कार्यक्रम संपन्न किया गया । जल संचयन का यह कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय संस्कृति, साहित्य और कला के संवर्धन, संरक्षण एवं विकास हेतु चलाए जा रहे कार्यक्रम ‘संस्कृति नैमिषेय’ का एक अहम हिस्सा है। बताते चलें कि आगामी नवंबर, 2017 माह में इस महत्वाकांक्षी परिकल्पना को साकार करने के लिए नैमिषारण्य, वाराणसी में ‘संस्कृति नैमिषेय शंखनाद’ नामक आयोजन प्रस्तावित है। इस आयोजन में देश के सभी प्रांतों से उनकी प्रमुख नदियों के जल तथा समिधा के संकलन का कार्य संस्कार भारती कर रही है।
संस्कार भारती, झारखंड के महामंत्री संजय कुमार चौधरी के परामर्श से प्रांतीय महामंत्री राकेश रमण ने दीपावली के दिन झारखंड की प्रमुख नदी स्वर्णरेखा का जल, उसके उद्गम स्थल से संकलित करने का निर्णय लिया। संस्कार भारती के प्रांतीय अध्यक्ष उमेश चंद्र मिश्र के नेतृत्व में महानगर इकाई के सदस्य स्वर्णरेखा के उद्गम स्थल केलेंडे ग्राम पहुंचे तथा पूजा अर्चना कर ‘संस्कृति नैमिषेय शंखनाद’ हेतु जल संकलन का कार्य किया। स्वर्णरेखा का यह जल तथा समिधा लेकर संस्कार भारती की एक टोली आगामी 26 अक्टूबर को कुरुक्षेत्र के लिए रवाना होगी जहां इन्हें केंद्रीय दल को सौंपा जाएगा। इस अवसर पर संस्कार भारती के सदस्यों ने यह संकल्प लिया कि प्रतिवर्ष दीपावली के दिन होने वाली पूजा अर्चना में अपने क्षेत्र की नदी के जल से ही पूजा अर्चना की जाएगी।
आज के कार्यक्रम में मुख्य रुप से प्रांतीय अध्यक्ष उमेश चंद्र मिश्र, प्रांत सह महामंत्री राकेश रमण, प्रांतीय संगीत संयोजक मथुरेश प्रसाद वर्मा, विभाग प्रमुख नागेंद्र प्रसाद, कमलेश्वर प्रसाद सिन्हा तथा सुश्री प्रीति रागिनी आदि ने भाग लिया।