रांची, झारखण्ड | जनवरी | 07, 2019 :: अखिल भारतीय सांस्कृतिक संगठन संस्कार भारती की झारखंड प्रदेश इकाई ने गंगा-मनुहार कार्यक्रम के लिए झारखंड में सतत् बहने वाली तीन नदियों का जल संचय कर जल-कलश को प्रयागराज कुम्भ भेजा।
गंगा मुनहार कार्यक्रम के अन्तर्गत भारतवर्ष के सभी राज्यों की संस्कार भारती इकाई अपने अपने क्षेत्रों की सतत प्रवहमान मुख्य नदियों से जल संग्रह का कार्य 20 दिसंबर से 05 जनवरी तक करेंगी और उस संचित जल-कलश को 10 जनवरी 2019 को प्रयागराज कुम्भ पहुंचायेगी। प्रयागराज में अविरल बहने वाली गंगा में सम्पूर्ण भारत से आये जल कलश को मिश्रित कर पुनः उन्हीं पात्रों में गंगा का जल भर कर उन उन राज्यों को वापस कर दिया जायेगा।
इस कार्यक्रम के तहत संस्कार भारती झारखंड प्रान्त ने रजरप्पा से भैरवी नदी और दामोदर नद का जल संचय 5 जनवरी को तथा झारखंड की जीवन रेखा कही जाने वाली स्वर्णरेखा के उद्गम स्थल रानीचुँआ नगड़ी से 6 जनवरी को जल संचय किया। संचित जल कलश को राँची के तपोवन मंदिर में रखा गया। तपोवन मंदिर में ही संस्कार भारती के कलाकारों के द्वारा भक्ति संगीत के संक्षिप्त कार्यक्रम के बाद गढ़वा ज़िले की मातृशक्ति प्रमुख अंजलि शाश्वत को जल-कलश प्रदान किया गया ताकि वह अपने अभिभावकों और प्रांतीय अधिकारियों के साथ प्रयागराज में होने वाले महाकुम्भ में उन जल-कलशों के साथ गंगा मनुहार कार्यक्रम में शामिल हो सके।
गंगा मनुहार कार्यक्रम का उद्देश्य है कि भारतवर्ष में सतत् बहने वाली अर्थात सदानीरा नदियों की अविरलता, विमलता एवं स्वच्छता के प्रति जनसामान्य को सचेष्ट और सक्रिय किया जाय। सभी नदियों से आमंत्रित जल को गंगा में मिश्रित करने का सांकेतिक अर्थ कि सांस्कृतिक दृष्टि से हम सब एक हैं और गंगा हमारी संस्कृति है जिसे हमें अच्च्छुण रखना है। हम सब भारतीय हैं।
संस्कार भारती झारखंड प्रान्त के इस गंगा मनुहार कार्यक्रम के अन्तर्गत जल संचय तथा सांस्कृतिक सत्र में उत्तर-पूर्व क्षेत्र के सह-क्षेत्र प्रमुख डॉ॰ संजय चौधरी, कार्यकारी प्रान्तीय अध्यक्ष श्री उमेश चन्द्र मिश्र, प्रांतीय उपाध्यक्ष श्री राकेश रमण प्रांतीय महामंत्री श्री संजय श्रीवास्तव, प्रांतीय मंत्री डॉ॰ सुशील कुमार अंकन, मंत्री संगठन श्री शाद्वल कुमार, महानगर अघ्यक्ष श्री रामानुज पाठक, उपाध्यक्ष आशुतोष प्रसाद, संगीत विधा संयोजक श्री सुशील कुमार मिश्रा, मातृशक्ति प्रमुख प्रीति रागिनी सहित कृष्ण बल्लभ सहाय, शशिकला पुराणिक, संगीताचार्य श्री जयप्रकाश सिंह, रामप्रसाद पाठक, सुजाता मजुमदार, झरना चक्रवर्ती, इला रानी, विवेक पाण्डेय, सुधा मिश्रा, दीपक प्रसाद, मनीष कुमार आदि उपस्थित थे। सांस्कृतिक सत्र का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ॰ सुशील कुमार अंकन ने किया।