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आरा मिल संचालकों की कठिनाई पर वन विभाग और झारखण्ड चैंबर की बैठक संपन्न

रांची, झारखण्ड | जनवरी   | 19, 2021 :: वनोपज के आयात करनेवाले सभी आरा मिल, आरा डिपो एवं संस्थान/व्यक्ति को वन विभाग से निबंधन कराने की अनिवार्यता से हो रही कठिनाईयों के समाधान हेतु आज झारखण्ड चैंबर ऑफ काॅमर्स का एक प्रतिनिधिमण्डल चैंबर अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबडा के नेतृत्व में वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव अमरेंद्र प्रताप सिंह से मिला। यह कहा गया कि झारखण्ड में स्थापित सभी आरा मिलें पूर्व से ही वन विभाग के द्वारा निबंधित हैं, साथ ही व्यवसायियों द्वारा आयात किये जानेवाले काष्ठ की पूरी विवरणी मासिक प्रतिवेदन के माध्यम से प्रमण्डलीय कार्यालय में समर्पित किये जाते रहे हैं। इस स्थिति में जब आरा मिलें वन विभाग से निबंधित हैं एवं उनके द्वारा वन विभाग को आयातित काष्ठ का रिटर्न समर्पित भी किया जा रहा है, इस दौरान निबंधित साॅ मिलों को काष्ठ आयात करने के लिए अलग से निबंधन कराने की अनिवार्यता उचित प्रतीत नहीं होती है। यह आग्रह किया गया कि मामले की समीक्षा करते हुए वन प्रमण्डल पदाधिकारी द्वारा दिये गये इस निर्णय को शिथिल कराने का निर्देश जारी करें।

विदित हो कि वन प्रमण्डल पदाधिकारी, रांची वन प्रमण्डल द्वारा वनोपज का आयात करनेवाले सभी आरा मिल, आरा डिपो व संस्थान को वन विभाग से निबंधन लेने का निर्देश दिया गया है। जबकि ऐसे सभी मिल पूर्व से ही वन विभाग से निबंधित हैं। आरा मिल संचालकों की कठिनाईयों को देखते हुए चैंबर द्वारा विभागीय सचिव से मिलकर इस मुद्दे पर तर्कपूर्ण वार्ता की गई और कहा गया कि विभाग से दोबारा निबंधित लेने की अनिवार्यता अव्यवहारिक है।

विभाग के प्रधान सचिव अमरेंद्र प्रताप सिंह ने झारखण्ड चैंबर की बातों को गंभीरतापूर्वक सुना एवं साकारात्मक रूख दिखाते हुए मामले के शीघ्र समाधान हेतु संज्ञान लेने का आश्वासन दिया।

प्रतिनिधिमण्डल में चैंबर अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबडा, उपाध्यक्ष किशोर मंत्री एवं महासचिव राहुल मारू सम्मिलित थे।

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