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राँची विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को फिल्म निर्माण की तकनीक सीखने के लिये ‘‘ विंग्स आॅफ जाॅलीवुड ’’ एक सुनहरा अवसर :: डाॅ॰ पी॰के॰ वर्मा

रांची, झारखण्ड ।  मई | 21, 2018 :: राँची विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को फिल्म निर्माण की तकनीक सीखने के लिये ‘‘ विंग्स आॅफ जाॅलीवुड ’’ एक सुनहरा अवसर है। आज तकनीकी विकास के दौर में फिल्म निर्माण कला को सीखना हमारे विद्यार्थियों के लिए स्किल डवलपमेंट है।
राँची विश्वविद्यालय के फोटोग्राफी क्लब ‘रूपसी’ के द्वारा आयोजित फिल्म मेकिंग वर्कशाॅप के उद्घाटन सत्र में डाॅ॰ पी॰के॰ वर्मा, छात्र कल्याण संकायाध्यक्ष, राँची विश्वविद्यालय, बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि जिस फिल्म निर्माण कला को सीखने के लिये लोग मुंबई कोलकाता जाते हैं और लाखों रूपये देकर सीखते हैं उस कला को हमारे विश्वविद्यालय में रूपसी के माध्यम से विद्यार्थियों को यह मौका निःशुल्क मिल रहा हैं और इसका सारा श्रेय जाता है डाॅ॰ सुशील कुमार अंकन और निरंजन जी को।
मौके पर उपस्थित प्रो॰ डाॅ सरस्वती मिश्रा ने कहा कि आज फिल्म मेकिंग की प्रक्रिया तकनीकी दृष्टि से जहाँ सरल हुई है वहीं प्रतिस्पर्धा भी बढ़ी है। हमारे दर्शनशास्त्र विभाग में होने वाले विंग्स आॅफ जाॅलीवुड को विद्यार्थी लम्बे समय तक याद रखेंगे। दर्शनशास्त्र विभाग की डाॅ॰ सी॰ कामेश्वरी ने प्रतिभागी विद्यार्थियों को शुभकामनाएँ दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
वर्कशाॅप के उद्घाटन सत्र में रूपसी अध्यक्ष डाॅ॰ सुशील कुमार अंकन एवं सचिव निरंजन कुमार ने आगत अतिथियों का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। डाॅ॰ अंकन ने कहा कि विद्यार्थियों में फिल्म निर्माण का स्किल विकसित हो और वे इस विधा को स्वरोजगार से जोड़ सकें इसी उद्देश्य से ‘विंग्स आॅफ जाॅलीवुड’ का आयोजन किया गया है। मौके पर राँची विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित राष्ट्रीय युवा महोत्सव 2018 पर डाॅ॰ अंकन के द्वारा बनाई गई लघु फिल्म ‘‘पलाश-2018’’ की एक डीवीडी डाॅ॰ पी॰के॰वर्मा को भेंट की गई जिसमें युवा महोत्सव की झलकियाँ हैं।

दूसरे सत्र में वेब न्यूज पोर्टल लेंस आई के सी॰ई॰ओ॰ जगदीश सिंह ने प्रतिभागियों को फोटोग्राफी और सिनेमाटोग्राफी की बारीकियों से परिचित करवाया। कैमरा, कम्पोजिशन, डेप्थ आॅफ फिल्ड, शाॅट्स आदि की व्यावहारिक जानकारी उन्होंने दी।

तीसरे सत्र में डाॅ॰ सुशील अंकन ने फ़िल्म निर्माण के लिऐ बेसिक आईडिया डवलपमेंट, आईडिया को स्टोरी में बदलना तथा उस स्टोरी को स्क्रीनप्ले में परिवर्तित करना सिखाया। तीसरे सत्र के अंत में विद्यार्थियों ने आज के कार्यशाला का फीडबैक देते हुए कहा कि उनलोगों ने एक दिन में ही बहुत कुछ सीख लिया। पहले वे फिल्म निर्माण की तकनीक से अनभिज्ञ थे लेकिन अब उन्हें समझ में आने लगा है कि एक फिल्म बनाने में कितनी प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है।
राँची विश्वविद्यालय के विभिन्न पी़जी विभागों के 45 छात्र-छात्राएँ इस कार्यशाला के माध्यम से फिल्म निर्माण के गुर सीख रहे हैं। आज उद्घाटन सत्र में विभाग की डाॅ॰ राज रजेश्वरी वर्मा, डाॅ॰ अजय कुमार सिंह सहित कई अतिथि मौजूद थे।
कल दिनांक 22 मई को साउंड रिकार्डिंग एवं मिक्सिंग, विडियो एडिटिंग, ग्राफिक्स पर कार्यशाला होगी और अंतिम सत्र में सर्टिफिकेट का वितरण होगा।

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