राची, झारखण्ड | जून | 21, 2024 ::विद्या विकास समिति, झारखंड के तत्वावधान में बीस दिवसीय आचार्य प्रशिक्षण वर्ग सह संस्कृति बोध माला पुस्तकों का लोकार्पण का कार्यक्रम आचार्य प्रशिक्षण विद्यालय श्री कृष्ण चंद्र गांधी नगर ,कुदलुम, नगरी, रांची में संपन्न हुआ । ध्यातव्य है कि झारखंड के विभिन्न जिलों से आए 267 आचार्य ,प्रधानाचार्य तथा कार्यालय प्रमुख का प्रशिक्षण आयोजित किया गया जिन्हें 20 से ज्यादा प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। आचार्य का शारीरिक ,मानसिक, बौद्धिक तथा शैक्षणिक स्तर का उन्नयन नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत हो सके तथा इस अनुरूप तैयार हो सके कि युवाओं को राष्ट्रीयता से परिपूर्ण कर सकें सर्वस्पर्शी ,सर्वव्यापी जीवन जीने की क्षमता प्राप्त कर सकें ।इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ आशा लकड़ा, सदस्य राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग भारत सरकार ने कहा कि ज्ञान एवं शील आचार्य में चाहिए ।अपने आचार्य का दायित्व है कि युवा पीढ़ी को वह संवार सके चारित्रिक रूप से सफल कर सकें। गुरु पूरे विद्यालय परिवार के बीच समन्वय रख सकें ,छोटे बालकों को राष्ट्रभक्त बनाएं सामाजिक एकता तथा समन्वय आवश्यक है ।मुख्य वक्ता विद्या भारती उत्तर पूर्व क्षेत्र के संगठन मंत्री ने कहा ,आचार्य के मन में विचार आता है कि देश के लिए क्या-क्या करें ?महिला आचार्य का दायित्व है कि अपने छोटे-छोटे युवा छात्र-छात्राओं को मातृत्व प्रदान करें ।पुरुष आचार्य को आचार्य चाणक्य के जैसा आचार्यत्व चाहिए। भारत भक्ति चाहिए ।मीराबाई जैसी भक्ति, पन्नाधाय जैसा त्याग, फूलों झानों जैसे वीरांगनाओं को अंग्रेजों से लड़ने की शक्ति तथा पूरा परिवार देश के लिए समर्पित हो जाने की शक्ति चाहिए । लक्ष्मीबाई, जीजाबाई, तथा अहिल्याबाई जैसे कर्तृत्व चाहिए ।भगिनी निवेदिता जैसा भक्ति चाहिए ।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉक्टर ब्रजेश कुमार, डोरंडा महाविद्यालय रांची, भौतिक विभाग के विभाग अध्यक्ष तथा राज्य एन.एन.एस के प्रभारी ने कहा कि, कार्य का एक लक्ष्य होता है। हमारा लक्ष्य है कि विद्या भारती संगठन के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव आएगा । हमारा पुराना शैक्षिक वातावरण लौटेगा ।हमारे आचार्यगण ही इस कार्य को करेंगे ।भारत में आजादी के बाद जो शिक्षा थोपी गई इससे शिक्षा व्यवस्था चौपट हो गई। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 छात्रों के भविष्य को बदलेगा। हम आचार्य की भूमिका इसमें बहुत बड़ी है ।हम आचार्य को अपना विद्यालय अपना मंदिर समझना चाहिए। नवीन आचार्यों ने कई प्रकार के योग, आसन ,गीत तथा योग चाप के कार्यक्रम प्रस्तुत किए ।रांची शहर के जाने माने नागरिक इस अवसर पर उपलब्ध थे। धन्यवाद ज्ञापन सुरेश मंडल, पूर्णकालिक, विद्या विकास समिति के द्वारा किया तथा मंच संचालन अखिलेश कुमार ने किया।
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