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गुमला : खेत का पानी खेत में, गांव का पानी गांव में :: पद्मश्री अशोक भगत

गुमला, झारखण्ड । मई | 11, 2017 ::  कृषि विज्ञान केन्द्र, गुमला, विकास भारती बिशुनपुर एवं नाबार्ड के संयुक्त तत्वावधान में “जल संरक्षण” पर एक दिवसीय प्रशिक्षण जलदूत को दिया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता पद्मश्री अशोक भगत ने की। श्री भगत ने जलदूतों को सम्बोधित करते हुए बतलाया कि ग्रामीण जन समुदाय के सहयोग से जल संरक्षण के उपाय जैसे मेड़बन्दी, बोरा-बाँध, डोभा तालाब निर्माण एवं जीर्णोद्धार के माध्यम से जल संरक्षण के उपाय करने होंगे। श्री भगत ने कहा कि जलदूत ईमानदारी से कार्य करते हुए इस अभियान को सफल बनायें जो कि इस देश के निर्माण के लिए एक कड़ी का निर्माण होगा। श्री भगत ने नारा दिया कि ”खेत का पानी खेत में, गांव का पानी गांव में“ एवं सभी जल दूतों से आग्रह किया कि आप नाबार्ड के इस आयोजन को सफल बनायें। नाबार्ड गुमला के डी॰डी॰एम॰ ने जलदूतों को सम्बोधित करते हुए कहा कि जल दूतों को गांव के स्तर पर जल स्रोतों का संरक्षण करना है। जल दूतों के द्वारा गांव स्तर पर जागरूकता आएगी जिससे भूमिगत जल स्तर में सुधार होगा जिससे कम-से-कम पानी में अधिक-से-अधिक उत्पादन मिल सके। इस पर भी जोर देना है जैसे टपक सिंचाई विधि एवं फौवारा [ Sprinkler ] विधि के माध्यम से जल का संरक्षण करना जिससे कि One drop More Crop की अवधारणा सही सिद्ध होगी। डाॅ॰ अजीत कुमार सिंह, वरीय वैज्ञानिक एवं प्रमुख के॰वी॰के॰ राँची ने कहा कि जल संरक्षण हेतु मृदा उर्वरता भी एक महत्वपूर्ण कारक है। मृदा में जैव उर्वरक ( Organic matter ) की उपलब्धता के द्वारा जल संरक्षण किया जा सकता है। जिस मृदा में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा अधिक होती है, उस मृदा में जल का टिकाऊपन अधिक देर तक होता है। श्री महेन्द्र भगत (कोषाध्यक्ष, विकास भारती) ने कहा कि जल संरक्षण बहुत जरूरी है जो कि मानव जीवन एवं जैव विविधता हेतु बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस कार्यक्रम में  कमलाकान्त पांडेय ने जल दूतों को जल संरक्षण पर नाबार्ड द्वारा निर्देशित कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी देते हुए बतलाया कि गुमला जिले में जलदूतों के माध्यम से 625 गांवों में ये अभियान चलाया जाएगा, साथ ही उन्होंने जलदूतों की उपयोगिता एवं महत्व पर विस्तृत जानकारी दी। इस कार्यक्रम में स्क्ड गुमला, परवाल मैत्रा, दीपक सिंह, नीशा तिवारी, सुनील कुमार, अटल बिहारी तिवारी के साथ-साथ गुमला जिले के 50 जलदूत सम्मिलित हुए।

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