रांची , झारखण्ड | नवम्बर | 16, 2020 :: विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल में सदस्य एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष – संत सुरक्षा मिशन, प्रांत संरक्षक – भारत-तिब्बत सहयोग मंच के स्वामी दिव्यानंद जी महाराज ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि – छठ महापर्व हिंदू आस्था का सबसे बड़ा त्यौहार है, लोग बड़े ही धूमधाम से पूर्ण धार्मिक भावना के साथ पर्व को मनाते हैं, समाज का हर वर्ग का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भागीदारी रहता है, घरों में रहकर वहदत पर्व मनाने का फरमान जारी कर इस प्रकार का गाइडलाइन जारी करना हिंदू सनातन संस्कृति सीधा प्रहार है, हम भी समाज का जागरूक नागरिक होने के नाते, कोरोना से संबंधित सारी सावधानियों को मद्दे नजर रखते हुए पर्व को मनाना सभी का दायित्व है,
जिस प्रकार चुनाव में भीड़ भाड़ रैलियां, या किसी वीआईपी के शव यात्रा में हजारों की भीड़, उतना ही नहीं पूर्ण संकटकाल में कोरोना योद्धाओं के द्वारा बांटे गए राशन के साथ अन्य सामग्रियां, सरकार के द्वारा चलाए गए दीदी कीचन कार्यक्रमों में कहीं भी, कोरोना सरकार को नहीं दिखा, किंतु हिंदू धर्म के सबसे बड़ा त्यौहार दुर्गा पूजा में भोग वितरण, छठ महापर्व जैसे आस्था का पर्व इन अवसरों पर इस प्रकार का तुगलकी फरमान जारी कर हिंदू आस्था के ऊपर चोट करना हिंदू समाज आहत हो रहा है, स्वामी जी ने सरकार को ध्यान आकृष्ट कराते हुए पुनः निवेदन किया, कि किए गए गाइडलाइन पर पुनः नहे सिरे से विचार करे और हिंदू आस्था को ध्यान में रखते हुए दोबारा अपना निर्णय बदले, एक निष्ठावान राजा का कर्तव्य होता है, सभी प्रजा की भावनाओं का सम्मान करते करे..…..