झारखण्ड राजनीति

रांची में टाना भगतों के लिए एक गेस्ट हाउस बनाया जायेगा : रघुवर दास ( मुख्यमंत्री, झारखण्ड )

* टाना भगतों को अब जमीन के लिए एक रुपये की टोकन राशि पर लगान रसीद काटी जायेगी
* बेघर टाना भगतों को सरकार पक्का मकान बनाकर देगी
* टाना भक्तों को मासिक पेंशन भी दी जाएगी।
* रांची में टाना भगतों के लिए एक गेस्ट हाउस बनाया जायेगा

………. रघुवर दास, मुख्यमंत्री,झारखण्ड

रांची, झारखण्ड । नवम्बर | 07, 2017 :: टाना भगतों को अब जमीन के लिए एक रुपये की टोकन राशि पर लगान रशीद काटी जायेगी। लगान के लिए बकाया 61,63,209/-रुपये की राशि माफ की जा रही है। टाना भगत विकास प्राधिकार के लिए पांच टाना भगतों को नामित किया गया है। 30 अगस्त को बेड़ो में लगनेवाला टाना भगत समुदाय के मुक्ति दिवस समारोह को राजकीय महासम्मेलन घोषित किया गया है। बेघर टाना भगतों को सरकार पक्का मकान बनाकर देगी और जिन टाना भगतों के कच्चे मकान हैं, उन्हें भी पक्का आवास बनाकर दिया जायेगा। टाना भगतों के जिला अध्यक्ष इसके लिए सूची बनायेंगे। रांची में टाना भगतों के लिए एक गेस्ट हाउस बनाया जायेगा। उक्त घोषणाएं मुख्यमंत्री रघुवर दास ने की। श्री रघुवर दास झारखंड मंत्रालय में टाना भगतों की समस्याओं पर आठ जिलों से आये टाना भगतों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत कर रहे थे।

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि टाना भगतों ने देश की आजादी में अहम योगदान दिया है। उनके वंशज आज भी महात्मा गांधी के बताये रास्ते पर चल रहे है। आजादी के 67 साल के बाद भी टाना भगतों की सुध किसी ने नहीं ली। हमारी सरकार ने टाना भगतों के लिए अलग से विकास प्राधिकार का गठन किया है, जो टाना भगतों के विकास के लिए काम करेगी। उन्होंने कहा कि टाना भक्तों को मासिक पेंशन भी दी जाएगी। राशि का निर्धारण टाना भगत विकास प्राधिकार द्वारा किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि टाना भगत परिवार की महिलाओं को 90 प्रतिशत अनुदान पर 4-4 गायें दी जायेंगी। इनसे उत्पादित दुध को राज्य सरकार द्वारा खरीद लिया जायेगा। 10वीं पास बच्चों का रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय में नामांकन कराया जायेगा।

एक साल के बाद पुलिस में सीधे नियुक्ति मिल जायेगी। अशिक्षित और 8-9वीं पास बच्चों को स्कील्ड कर रोजगार से जोड़ा जायेगा। इसके लिए टाना भगतों के लिए अलग सेंटर बनाया जायेगा। महिलाओं को कंबल, चादर, ड्रेस आदि बनाने, मधुमक्खी पालने आदि का प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाया जायेगा। अनुदान पर कृषि उपकरण उपलब्ध कराये जायेंगे। जो बच्चा उच्च शिक्षा पाना चाहते हैं, मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना के तहत उन बच्चों की शिक्षा का खर्च सरकार वहन करेगी। टाना भगत के बच्चों के लिए रांची में अलग से हॉस्टल बनाया जायेगा। 9-10 के बच्चों को कोचिंग दी जायेगी। श्री रघुवर दास ने सभी जिला अध्यक्षों को इनके लिए सूची तैयार कर प्राधिकार में लाने को कहा। प्राधिकार की अगली बैठक दिसंबर में होगी। इसमें टाना भगतों का प्रतिनिधित्व गंगा टाना भगत, रामधन टाना भगत, रामचंद्र टाना भगत, श्रीमती सरिता टाना भगत व बहादूर टाना भगत करेंगे। रांची में बननेवाले गेस्ट हाउस के संचालन की जिम्मेवारी भी टाना भगतों पर ही होगी। जो सूची टाना भगत देंगे उसी सूची के अनुसार उनके गांव में कुआं, तालाब आदि बनाया जायेगा। यह काम भी टाना भगतों को ही कराना होगा, सरकार राशि देगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार टाना भगतों की भलाई और उनकी मांगों के लिए कानून के दायरे में रहते हुए हर संभव सहायता करेगी। रांची, गुमला, लोहरदगा, लातेहार, पलामू, सिमडेगा, चतरा और खूंटी से टाना भगतों के प्रतिनिधि बैठक में पहुंचे। सभी ने राज्य सरकार की प्राधिकार गठन की पहल की सराहना की और अपनी मांगे रखीं।
बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती राजबाला वर्मा, अपर मुख्यसचिव सह विकास आयुक्त अमित खरे, कल्याण सचिव श्रीमती हिमानी पांडेय, राजस्व व भूमि सुधार सचिव के0के सोन समेत विभागों के वरीय अधिकारी उपस्थित थे।

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