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झारखण्ड यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट और रांची प्रेस क्लब के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मुलाक़ात की

राांची, झारखण्ड  | दिसम्बर  | 24, 2020 :: झारखण्ड यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट और रांची प्रेस क्लब के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने आज राजभवन में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मुलाक़ात की। इस मौके पर एक ज्ञापन भी राज्यपाल को सौंपा गया जिसमें कहा गया है कि राज्य के पत्रकार कोरोना काल के दौरान अत्यधिक परेशानियों के गुजर रहे हैं। अचानक आयी इस वैश्विक आपदा ने अनेक पत्रकारों की नौकरी छीन ली है। अनेक पत्रकारों को मजबूरी में बहुत कम वेतन पर काम करना पड़ रहा है। पत्रकारों के काम काज पर सरकारी स्तर पर नजर रखने वाली सभी एजेंसियों ने इस मुद्दे पर गाइड लाइन भी जारी की थी। दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह है कि तमाम गाइड लाइनों के बाद भी उनका न तो झारखंड में पालन किया गया और न ही अचानक से पत्रकारों को नौकरी से निकालने की घटनाओं पर कोई रोक लग पायी।
एक ट्रेड यूनियन होने के नाते हम काफी अरसे से इस दिशा में बेहतर कार्य संस्कृति विकसित करने की मांग करते आ रहे हैं। नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स की रांची में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पहली बार पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग उठायी गयी थी। इस मांग को उठाने का परिणाम यह हुआ है कि कई राज्यो में इस संबंध में सरकारी आदेश जारी हुए हैं। लेकिन झारखंड अब भी इससे अछूता है। परेशानी की बात यह होती है कि किसी पत्रकार के साथ कोई अनहोनी होने के बाद अखबार प्रबंधन भी अपनी जिम्मेदारियों से भाग जाता है। मजीठिया वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने से बचने के लिए अब पत्रकारों से अखबार प्रबंधन यह शपथपत्र भी लेता है कि वे पत्रकार नहीं हैं। इसी वजह से अखबार प्रबंधन  को ऐसे पत्रकारों का मनमाने ढंग से शोषण करने की छूट मिल जाती है। यह भी हम आपके ध्यान में लाना चाहते हैं कि इंटरनेशलन फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स से मान्यता प्राप्त एक मात्र ट्रेड यूनियन के तौर पर नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स से संबद्ध होकर झारखंड यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स पत्रकारों का एकमात्र विश्वसनीय ट्रेड यूनियन संगठन है, जिसके सदस्य शुद्ध तौर पर पत्रकार हैं और यूनियन में पूरे राज्य में सक्रिय पत्रकारिता से जुड़े हुए हज़ारों लोग हैं।
ज्ञापन के माध्यम से राज्यपाल से अनुरोध किया गया कि आप राज्य सरकार को  पुनः पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने, पत्रकारों के स्वास्थ्य बीमा देने, पत्रकारों को भूमि आवंटन करने, तथा पत्रकार कल्याण कोष के गठन हेतु सरकार को निर्देशित करें।
इस मौके पर प्रतिनिधिमंडल ने  कहा कि अगर इन समस्याओं का समाधान हो गया तो संकट की घड़ी में पत्रकारों को बार बार जिन परेशानियों का सामना करना पड़ता है, उससे छुटकारा मिल जाएगा। इससे सारे पत्रकार भी स्वाभिमान के साथ पत्रकारिता के मूल धर्म का सही तरीके से पालन कर सकेंगे। राज्यपाल ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि वे पत्रकारों के मुद्दों के समाधान को लेकर राज्य सरकार को निर्देशित करेंगी। प्रतिनिधिमंडल में मुख्य रूप से झारखंड यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट के प्रदेश महासचिव शिवकुमार अग्रवाल, राँची प्रेस क्लब के महासचिव अखिलेश सिंह राँची झारखण्ड यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट के अध्यक्ष सह प्रेस क्लब के संयुक्त सचिव जावेद अख़्तर, झारखण्ड यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट के प्रदेश प्रवक्ता अरविंद प्रताप शामिल थे।

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