राची, झारखण्ड | अगस्त | 16, 2023 ::
बच्चे जीवन में सकारात्मक रूप से आगे बढ़ें और बेहतर भविष्य हासिल करें इसके लिए हर माता-पिता हर मुमकिन कोशिश करते हैं।
माता -पिता अपने बच्चे के लिए रोल मॉडल होते हैं ।
रोल मॉडल वही है जो भविष्य में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें और अपने व्यवहार एवं सोच से, साथ ही अपनी गलतियों से कुछ ना कुछ सीखता रहे। ऐसे में माता-पिता की जिम्मेदारी है कि वे अपने बच्चे की नजरों में एक अच्छी छवि बनाएं।
माता पिता अपने बच्चों के लिए कैसे रोल मॉडल बनें, इसी विषय पर हरमू स्थित “कार्टून प्ले स्कूल” में ‘मिसाल – पेरेंट्स रोल मॉडल के रूप में ‘ कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
‘कार्टून प्ले स्कूल ‘ सड़क सुरक्षा थीम पर आधारित स्कूल है।
जिसकी सराहना परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और मेगास्टार अमिताभ बच्चन भी कर चुके हैं।
मिसाल में मुख्य अतिथि सांसद संजय सेठ , प्रख्यात लेखक तुहिन सिन्हा और साइकोलॉजिस्ट डॉ भूमिका सच्चर उपस्थित थी।
सांसद संजय सेठ ने पेरेंट्स को बच्चों के सामने अच्छी छवि बनाने का सुझाव दिया।
उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित पेरेंट्स को किताबें पढ़ने की सलाह दी।
उन्होंने कहा कि बच्चे के मनोवैज्ञानिक विकास में आदर्श व्यक्तियों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।
वे अपने कौशल या उपलब्धियों, मूल्यों के आधार पर व्यक्तित्व की पहचान करने में बच्चे की मदद करते हैं। इसलिए हम सबको किताबें जरुर पढ़नी चाहिए साथ ही मोबाइल का प्रयोग जीवन में सावधानी से करना चाहिए , बच्चे पेरेंट्स को मोबाइल पर देखेंगे तो वो भी मोबाइल के आदी हो जायेंगे।
तुहिन सिन्हा ने सड़क सुरक्षा पर बातें की , साथ ही झारखण्ड के परिपेक्ष्य में अपनी किताब बिरसा मुंडा, सिद्धू कान्हो आदि का जिक्र किया और कार्यक्रम में आये लोगों को अपनी किताबें उपहारस्वरूप दी।
उन्होंने कहा कि बच्चे अपने माता- पिता के सामने चुनिंदा बातों को रखते हैं और गलत बातों को छुपा लेते हैं , ऐसा करना उनके लिए कई बार खतरनाक साबित होता है।
पेरेंट्स भी बच्चों से जुडी बातों का निर्णय अगर बच्चे के साथ मिल कर करें तो ऐसा करने से बच्चों के विचार भी खुलते हैं साथ ही उन्हें अपनी महत्व का भी एहसास होता है।
उन्होंने पेरेंट्स का बच्चों के साथ सीधा संवाद करने पर बल दिया।
डॉ भूमिका ने पेरेंट्स और युवाओं को मानसिक अवसाद से कैसे दूर रहा जाए साथ ही बच्चों के मोबाइल एडिक्शन को लेकर पेरेंट्स को समझाइश दी।
उन्होंने कहा माता पिता बैलेंस बनाए रखें।
माता-पिता अपने बच्चों पर ज्यादा प्रेम या ज्यादा सख्ती ना बरतें।
हमेशा सामान्य व्यवहार रखें।
ऐसा करने से बच्चे के व्यवहार में भी समानता आएगी और दिखावटीपन दूर होगा।
कार्यक्रम में झारखण्ड फिल्म एंड थिएटर अकादमी द्वारा ‘जिद’ नाटक का मंचन किया गया।
जिसमें बताया गया की कैसे बच्चे अपने पेरेंट्स से जिद कर कई बार ऐसे निर्णय ले लेते हैं जिसका खामियाजा सबको बाद में भुगतना पड़ता है।
इस मौके पर स्कूल की डायरेक्टर राजश्री, ऋषभ आनंद ,राजीव सिन्हा ,संदीप कुमार, कंवलजीत कौर , विकास कुमार , मोनिका आर्य , सुनीता सिंह, अनामिका सिंह सहित स्कूल की शिक्षिकाएं एवं अन्य लोग उपस्थित थे।