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श्री गुरु गोविंद सिंह जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर “सवा लाख से एक लड़ाऊॅ ” विषय पर संगोष्ठी आयोजित

राँची, झारखण्ड । दिसम्बर | 21, 2017 :: डोरंडा।महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा सिखों के दसवें गुरू के 351 वीं वर्षगाँठ के पूर्व संध्या पर गुरु गोविंद सिंह जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर “सवा लाख से एक लड़ाऊॅ ” विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गई जिसकी अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ बिष्णु शंकर तिवारी ने की।

संगोष्ठी के मुख्य अतिथि झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष गुरविंदर सिंह सेठ्ठी ने अपने संबोधन में कहा कि गुरु गोविंद सिंह जी का संपूर्ण जीवन देश की अस्मिता, सुरक्षा ,स्वाभिमान एवं अखंडता हेतु सतत प्रयत्नशील रहा है ।उन्होंने कहा कि चमकौर युद्ध के दरम्यान मुगलों के 10 लाख की विशाल सेना के सामने गुरु गोविंद सिंह जी के साथ 40 योद्धाओं ने वीरता एवं रणकौशल के आधार पर उनके सेना को पराजित किया एवं सवा लाख से एक लड़ाऊॅ को चरितार्थ किया ।उन्होंने कहा कि ऐसे महापुरुष के कर्तृत्व एवं ब्यक्तित्व के स्मरण से हमें एक नये उर्जा का संचार होता है एवं हमें देश एवं समाज के लिए कुछ करने का भाव आता है ।

संगोष्ठी के विशिष्ट अतिथि गुरूद्वारा गुरुनानक सतसंग  सभा के सचिव मनीष मिढा ने अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि गुरु गोविंद सिंह जी एवं उनके चार पुत्रों का बलिदान पूरे दुनिया के लिए मिसाल है ।उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना कर समाज में समानता, भाईचारा एवं देशप्रेम की भावना हेतु हमेशा प्रयासरत रहें।

संगोष्ठी के सम्मानित अतिथि डॉ हरमिन्दर  बीर सिंह ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह जी के बलिदान, त्याग, उत्प्रेरक विचार आज भी प्रासंगिक है ।उन्होंने बुराइयों के विरुद्ध अपनी प्रभावी आवाज बुलंद करने का आह्वान राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों से किया ।

संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ बिष्णु शंकर तिवारी ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह जी जैसे ब्यक्तित्व का जन्म विरले होता है ।उन्होंने कहा कि गुरु गोविंद सिंह जी के दो मासूम पुत्रों को जिंदा दीवारों में चुनवा दिया गया फिर भी उनमें देशभक्ति का भाव और बढ़ता गया ।उन्होंने राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों से अन्याय के विरुद्ध सकारात्मक पहल करने का आह्वान किया ।

संगोष्ठी का शुभारंभ राष्ट्रीय सेवा योजना के लक्ष्य गीत “उठे समाज के लिए उठे -उठे, जगे स्वराष्ट्र के लिए जगे -जगे” से किया गया ।संगोष्ठी का विषय प्रवेश डॉ पूनम कुमारी ने कराया ।

संगोष्ठी का सफल संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ ब्रजेश कुमार ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ राजेश सिंह ने दिया ।

संगोष्ठी को सफल बनाने में    डाॅ नीता रानी सिन्हा, डाॅ नीमिल किशोर ,प्रो पल्लवी सिंह, आनंद, वर्षा, प्रीति, लिपि, खूश्बु,मोहित, प्रवीण, सुनील, प्रदीप आदि का उल्लेखनीय योगदान रहा ।

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