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होमियोपैथी में संभव है स्थायी इलाज

राची, झारखण्ड | अगस्त | 14, 2023 ::

झारखंड के होमियोपैथिक चिकित्सको की टीम ने होमियोपैथिक चिकित्सकों और होमियोपैथिक चिकित्सा विज्ञान में अध्ययनरत छात्र छात्राओं के लिए रांची के आई.एम.ए भवन में नि:शुल्क सेमिनार का आयोजन किया।

मुंबई के प्रसिद्ध चिकित्सक और होमियोपैथिक चिकित्सा विज्ञान के वक्ता थ्री नाइस मैन के द्वारा वक्तव्य दिया गया।
इनके द्वारा उपस्थित चिकित्सकों को बताया गया की कैसे मस्तिष्क के व्यवहार से बीमारी को पकड़ते है।

थ्री नाइस मैन के नाम से प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ योगेश राजुरकर, डॉ श्रीकृष्णा दाफले, डॉ आलोक कुमार की टीम ने होमियोपैथिक चिकित्सकों को बताया कि बीमारी को कैसे पकड़ना है।
कौन सी बीमारी कब हुई है, क्या जिस समय बीमारी हुई है उस समय मरीज के साथ कोई घटना घटी है या मरीज को किसी कारणवश से कार्य करने में कोई दिक्कत हो रही है। बीमारी होने से मरीज के मस्तिष्क पर मानसिक रूप से क्या कोई नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

मस्तिष्क के व्यवहार को देखते हुए रूब्रिक्स को देखते है की कौन सी दवा की रूब्रिक्स, मस्तिष्क व्यवहार से मरीज का व्यवहार मिल रहा है।
उसके बाद दवा का चुनाव करते है और बहुत ही कम मात्रा में दवा की खुराक मरीज को दी जाती है जो ज्यादा असरदार होती है और मरीज को कोई भी दुष्प्रभाव नही पड़ता है।

इसमें सबसे बड़ी कला यह है की निरंतर अभ्यास एवं इस पद्धति की कला से इलाज करने के लिए हमेशा अभ्यास की जरूरत पड़ती है।

सेमिनार में रांची के सिविल सर्जन डॉ प्रभात कुमार, झारखंड के युवा नेतृत्वकर्ता संजय मेहता एवं डोरंडा महाविद्यालय के वक्ता वी.पी.वर्मा अतिथि के रूप में शामिल हुए।

इस सेमिनार में बंगाल, तेलंगाना, बिहार, उड़ीसा के साथ- साथ नेपाल के चिकित्सकों ने भी भाग लिया।

कार्यक्रम को सफल बनाने में रांची के प्रसिद्ध, अनुभवी और वरिष्ठ होमियोपैथिक चिकित्सक डॉ अरविंद तिवारी, हजारीबाग के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ महादेव मेहता, धनबाद के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ लक्ष्मण मोदी, कोडरमा के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ एस.मैथी, जमशेदपुर के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ.एन.डी.गुप्ता, चिकित्सा पदाधिकारी डॉ भावेश कुमार, चिकित्सा पदाधिकारी डॉ पंकज कुमार मेहता, चिकित्सा पदाधिकारी डॉ निशांत कुमार मोदी, चिकित्सा पदाधिकारी डॉ कविता गंगानी, चिकित्सा पदाधिकारी डॉ विक्रम सम्राट, चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शंपा चांद, डॉ अनूप  सिंह, डॉ गौरव कुमार, चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रविकांत पांडेय, चिकित्सा पदाधिकारी डॉ दिनेश कुमार एकलव्य, डॉ कल्याण कुमार, आईटी विशेषज्ञ राहुल कुमार, डॉ कहकशा नाज ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

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