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वाहनों और मशीनों की उपयोगिता और सुरक्षा हमारी भी जिम्मेदारी : गुड़िया झा

वाहनों और मशीनों की उपयोगिता और सुरक्षा हमारी भी जिम्मेदारी : गुड़िया झा

हम इंसानों को किसी भी वस्तु मशीन हो या वाहन को खरीदने का शौक बहुत होता है। खरीदने के कुछ दिनों तक हम उसकी देखभाल भी अच्छे से करते हैं। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता है हम उसकी देखभाल में थोड़े लापरवाह भी हो जाते हैं। विशेष रूप से इनके प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए ही प्रत्येक वर्ष 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा का आयोजन किया जाता है।
क्या हमने कभी सोचा है कि जो चीजें समय पर हमारी जरूरतें पूरा करती हैं उसकी विशेष रूप से देखभाल करना भी हमारी ही जिम्मेदारी है। तो क्यों न हम जैसे अपनी देखभाल करते हैं, ठीक उसी प्रकार से अपने दैनिक जीवन के उपयोग में आने वाले वस्तुओं को भी उतनी ही सुरक्षा प्रदान करें।
1, क्षमता के अनुसार कार्य लें।
किसी भी चीज की अपनी एक क्षमता होती है। जब हम उसका उपयोग क्षमता से अधिक करते हैं, तो जाहिर सी बात है कि कहीं न कहीं उसके कार्य करने में बाधा उत्पन्न होती है।
उदाहरण- जिस दिन हम स्वयं ही अपनी क्षमता से अधिक कार्य करते हैं, तो दूसरे दिन हमें काफी थकान महसूस होती है और हमारे शरीर को आराम की जरूरत होती है जिससे कि हमारे भीतर नई ऊर्जा का संचार होता है जो हमें फिर से बेहतर तरीके से अगले दिन कार्य करने के लिए प्रेरित करता है।
ठीक उसी प्रकार से मशीनों और वाहनों की भी यही स्थिति है। कुछ दिनों के अंतराल पर इन्हें सर्विसिंग सेंटर में ले जाकर जांच कराते रहने की जरूरत है। जिससे कि यह पता चल सके कि इनमें कोई आंतरिक खराबी तो नहीं है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि थोड़ी सी खराबी होने पर इसे कम बजट में भी ठीक किया जा सकता है और दूसरा यह कि जब हमें कभी इनकी बहुत ज्यादा जरूरत होगी, तो समय पर ये हमारे बहुत काम आयेंगे। इससे हमें मानसिक तनाव और समय दोनों की ही बचत होगी।
2, उपयोग के समय सावधानी।
जब हम किसी भी वस्तु का उपयोग करते हैं, तो उसके कुछ नियम भी होते हैं। जब हम उसके नियमों के अनुसार उसका इस्तेमाल करते हैं, तो उसके साथ हमारी भी सुरक्षा बनी रहती है।
हाल ही में साइरस मिस्त्री की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। लोगों की आंखें खुली कि गाड़ी की रफ्तार की भी एक तय सीमा होती है। जब तय सीमा के भीतर गाड़ी की रफ्तार होती है, तो हमारी भी जिंदगी सुरक्षित रहती है साथ ही सीट बेल्ट लगाना भी हमारी सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है। आगे और पीछे दोनों ही सीटों पर सीट बेल्ट लगाकर हम अपने साथ कई लोगों को सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं।
दो पहिया वाहनों पर भी हेल्मेट की अनिवार्यता को नियमित रूप से लागू कर दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है।
आये दिन हमारे देश में सड़क दुर्घटनाओं का होना आम बात है। इसके प्रमुख कारणों में गलत दिशा में गाड़ी चलाना, तेज रफ्तार, सीट बेल्ट नहीं लगाना, हेल्मेट का कम उपयोग, सड़कों पर एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़, नशे की हालत में गाड़ी चलाना आदि शामिल है। इन सभी पर नियंत्रण रख कर हम अपने अनमोल जीवन को अवश्य ही बचा सकते हैं।

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