◆ मुख्य सचिव ने बैंकों को दिया 1000 करोड़ वित्तीय समावेशन का लक्ष्य– 15 नवंबर से पहले पूरा हो लक्ष्य
◆ बैंकों के प्रतिनिधियों के साथ जापान जाने के पहले की मैराथन बैठक
◆ मुद्रा योजना, सखी मंडल को बैंक लिंकेज तथा प्रधानमंत्री रोजगार गारंटी योजना पर फोकस करने का दिया निदेश
रांची, झारखण्ड । अक्टूबर | 10, 2017 :: मुख्य सचिव श्रीमती राजबाला वर्मा ने बैंकों के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए कहा कि 15 नवंबर से पहले 1000 करोड़ का वित्तीय समावेशन का लक्ष्य हर हाल में पूर्ण होनी चाहिये। मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री समयबद्ध विकास को प्राथमिकता देते हैं इसलिये 15 नवंबर की तिथि तक लक्ष्य अवश्य पूरा हो।
मुख्य सचिव ने कहा कि विकास कार्यो को पूरा करने में बैंकों की महत्वपूर्ण भागीदारी है। वित्तीय समावेशन में स्टेट बैंक आॅफ इंडिया 200 करोड़, बैंक आॅफ इंडिया 300 करोड़, कैनरा बैंक 150 करोड़, इलाहाबाद और पंजाब नेशनल बैंक 100-100 करोड़, यूनाईटेड बैंक, यूनियन तथा सेंट्रल बैंक को 50-50 करोड़ के वित्तीय समावेशन को पूरा करें।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार हेतु किये जा रहे प्रयासों के तहत मुद्रा योजना, स्टैंड अप इंडिया योजना, रोजगार गारंटी योजना के तहत प्राप्त आवेदनों पर शीध्र कार्रवाई करें। राज्य के युवाओं को प्रेरित करें कि वे इसके तहत ऋण प्राप्त कर अपना रोजगार शुरू कर सकते हैं।
मुख्य सचिव ने कहा कि झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों की सबसे बड़ी ताकत गांव की महिलाएं हैं। सखी मंडल के तहत स्वयं सहायता समूह झारखंड का नया इतिहास रच रही हैं। अब तक 25 हजार स्वयं सहायता समूह को वित्त संपोषित किया गया है। इस वर्ष 50 हजार समूहों को वित्त संपोषित करना है। इसलिये अधिक से अधिक सखी मंडलों के बैंक लिंकेज प्रस्ताव को अभियान मोड में पूरा करें।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रत्येक विभाग तथा बैंक के शीर्ष अधिकारी प्रतिदिन प्रगति का जायजा लें। कोई भी बैंक किसी प्रकार की दिक्कत हो तो बतायें, बाद में लक्ष्य ना पूरा करने की सफाई न दें। बैठक में वित्त सचिव श्री सतेंन्द्र सिंह तथा सभी बैंकों के राज्य स्तरीय शीर्ष पदाधिकारी उपस्थित थे।